अर्थहीन संसार में ,
नफरत में या प्यार में ,
बर्फ पर उया अंगार में ,
जीवन की मझधार में ,
दिल के खोये करार में,
मेरी जीत में... मेरी हर में ,
मुझे तुम बहुत याद आये ...
दुनिया की सच्चाईयों में ,
मेरी सफलता की गहरायेयों में ,
अंतहीन अच्छाईयों में ... बुराईयों में ,
मुझे तुम बहुत याद आये ...
आज में ... कल में ,
उस बिसरे हुए पल में ,
मेरे सवालों के हल में ,
आशियाने में
या वीराने में ,
इस बेदर्द ज़माने में ,
जीवन के हर फ़साने में
मुझे तुम बहुत याद आये ...
यत्र तत्र सर्वत्र -- OmЙiPrёsёnҐ
Thursday, February 9, 2012
Saturday, June 12, 2010
Monday, October 20, 2008
फ़िर से प्यार होया !!
नए लालिमा लिये एक सुबह और आयी,
सपने में जो देखा अपना, उससे आँख टकराई !
जोर जोर से धड़का यह दिल, सुख चैन जो खोया,
देखो यारों फ़िर मत कहना, हमको प्यार होया !!
सच्चा है, और पक्का है,
ऐसा हमने ठान लिया !
किस्सी और से नहीं है चक्कर,
मन ने ऐसा मान लिया !
बालकनी पे झलक दिखी, दिल सुख सागर में खोया
देखो यारों फ़िर मत कहना, हमको प्यार होया !!
कब आयी और किसके यहाँ,
यह सभी सवाल थे !
उप्पर वाले शर्मा जी और निचे के गुप्ता भी बेहाल थे !
इत्ता कोम्पेतिशन देख के, दिल भीतर से रोया ,
देखो यारों फ़िर मत कहना, हमको प्यार होया !!
मृग्नयेनी से चाल तुम्हारी,
मुधुशाला सी आखें !
मुड के देखो जब तुम हमकों,
अगल बगल क्यों झांकें !
नया अचकन का कुरता देखो रगड़ रगड़ कर धोया,
देखो यारों फ़िर मत कहना, हमको प्यार होया !!
लड़का हुआ तो अदिय्त्य , लड़की हुयी तो अदिति,
शादी और बच्चों की तो हमनें फेहरिस्त कर ली पक्की !
गमले में एक लाल गुलाब हमनें दिया बोया,
देखो यारों फ़िर मत कहना, हमको प्यार होया !!
इतवार की सुबह हसीं थी, जी टीवी पे अन्ताक्षरी चली थी,
हाथों में लड्डू का डब्बा, और मुख पे थी लाली
तुमने शादी कार्ड दिया और पलकें झुका ली
जीतेन्द्र से मनोज कुमार हुआ, दिल पे घातक वार हुआ
सुंदर सपना मेरा अपना, अंधकारों में खोया,
देखो यारों फ़िर मत कहना, हमको प्यार होया !!
सपने में जो देखा अपना, उससे आँख टकराई !
जोर जोर से धड़का यह दिल, सुख चैन जो खोया,
देखो यारों फ़िर मत कहना, हमको प्यार होया !!
सच्चा है, और पक्का है,
ऐसा हमने ठान लिया !
किस्सी और से नहीं है चक्कर,
मन ने ऐसा मान लिया !
बालकनी पे झलक दिखी, दिल सुख सागर में खोया
देखो यारों फ़िर मत कहना, हमको प्यार होया !!
कब आयी और किसके यहाँ,
यह सभी सवाल थे !
उप्पर वाले शर्मा जी और निचे के गुप्ता भी बेहाल थे !
इत्ता कोम्पेतिशन देख के, दिल भीतर से रोया ,
देखो यारों फ़िर मत कहना, हमको प्यार होया !!
मृग्नयेनी से चाल तुम्हारी,
मुधुशाला सी आखें !
मुड के देखो जब तुम हमकों,
अगल बगल क्यों झांकें !
नया अचकन का कुरता देखो रगड़ रगड़ कर धोया,
देखो यारों फ़िर मत कहना, हमको प्यार होया !!
लड़का हुआ तो अदिय्त्य , लड़की हुयी तो अदिति,
शादी और बच्चों की तो हमनें फेहरिस्त कर ली पक्की !
गमले में एक लाल गुलाब हमनें दिया बोया,
देखो यारों फ़िर मत कहना, हमको प्यार होया !!
इतवार की सुबह हसीं थी, जी टीवी पे अन्ताक्षरी चली थी,
हाथों में लड्डू का डब्बा, और मुख पे थी लाली
तुमने शादी कार्ड दिया और पलकें झुका ली
जीतेन्द्र से मनोज कुमार हुआ, दिल पे घातक वार हुआ
सुंदर सपना मेरा अपना, अंधकारों में खोया,
देखो यारों फ़िर मत कहना, हमको प्यार होया !!
Monday, June 2, 2008
Train chali ....
Friday, May 23, 2008
I wonder .. why ???
I remember when I was born
I was unable to speak for 1.5 years, but cry !!
Now that I can speak, I speak alot !!!
I was unable to speak for 1.5 years, but cry !!
Now that I can speak, I speak alot !!!
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